निवेश क्या होता हैं-What is Investment?
निवेश एक ऐसा व्यवस्था हैं जो किसी व्यक्ति को आर्थिक रूप से उन्नति की ओर ले जाता हैं। मान लीजिये किसी व्यक्ति के पास एक लाख रूपये हैं, जिस पैसा का वर्तमान में उस व्यक्ति के पास कोई अवसायक कार्य नही हैं।
अगर वह व्यक्ति उस पैसे को अपने पास(पेटी,बक्से)में रखता हैं तो उस व्यक्ति को उस पैसे से कोई लाभ नही होगा।अगर वह व्यक्ति उसी पैसे को एफ डी में जमा करा देता हैं तो उसे वार्षिक आधार पर 6% से 9% तक का ब्याज मिल जायेगा यानि की साल में उसे 6 हजार से 9 हजार तक का फयदा होगा। वह व्यक्ति जो एक लाख रुपये को एफ डी में जमा किया उसे ही निवेश/Investment कहते हैं। और इस तरह से अपने जमा पैसे से लाभ कमा सकते हैं।
भले ही हम सब 21वी सदी में जी रहे हैं लेकिन जीवन में चुनौतिया भी साथ साथ बढ़ रही हैं, इसके साथ ही कमाई का साधन बढ रहा हैं , लेकिन इसके साथ ही जरुरत के खर्चे भी कफी तेजी से बढ़ रहे हैं, शायद हम सब इस बात से अच्छी तरह वाकिफ होंगे की आज के समय में प्रत्येक परिवार के सामने आर्थिक चुनौतिया रहता ही हैं, इन सब आर्थिक चुनौतियो से निपटने के लिए “”एक छोटा सा निवेश “” हम सब की बहुत मददत कर सकता हैं,इसलिए आप भी आज से ही एक छोटा निवेश का प्लान बनाइये और शुरुआत कीजिये|
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निवेश करने के तरीका और माध्यम – Methods and means of investing:-
निवेश करने के भी अलग अलग तरीके/माध्यम होते है, यह प्रत्येक व्यक्ति के जरुरत और आर्थिक विचारों पर निर्भर करता हैं।
भारतीय लोगो का कुछ निवेश करने का पारम्परिक तरीके निम्नलिखित हैं।
- अधिकांश भारतीय एफ. डी. में निवेश करते हैं।
- बड़ा वर्ग जो हैं ओ पीपीएफ/PPF में भी निवेश करते हैं।
- हमारे भारत में सोने अथवा सोने से बने आभूषण को खरीदना भी निवेश का एक तरीका माना जाता हैं।
- भारतीय पारम्परिक निवेश बचत बिमा योजना को माना जाता हैं जो पारम्परिक निवेश में सबसे पहली नंबर पर आता हैं।
- कुछ ऐसे लोग जिनके पास अधिक अतिरिक्त पूंजी हैं ओ लोग रियल एस्टेट में भी निवेश करते हैं ,जैसे किसी शहर में प्लॉट,फ्लैट इत्यादि खरीदना ताकि आने वाले भविष्य में कीमते बढ़े तो इसका फयदा उठाया जा सके।
उपरोक्त निवेश के पारम्परिक तरीके हैं जिसमे अधिकांश भारतीय निवेश करते हैं।
ये सभी के अलावा वर्तमान समय में निवेश के तरीके में भी बदलाव हो रहा हैं,अब कुछ लोग कुछ जोखिम के साथ अन्य निवेश का योजना भी बना रहे हैं। जैसे म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund), एसआईपी (SIP), शेयर बाजार (Stock Market), एनपीएस (NPS), आईपीओ (IPO), ईटीएफ (ETF), बॉन्ड्स (Bonds), एनसीडी (NCD) इत्यादि। ये सभी गैर पारम्परिक निवेश के तरीके हैं। इस योजना में लगभग 2 -3 फीसदी भारतीय लोग ही निवेश करते हैं। जिसका सबसे प्रमुख कारण हैं की अभी भी अधिकांश भारतीय लोगो को इसकी सही जानकारी नही हैं। वैसे भी हमारे भरतीये लोग जोखिम लेना बिलकुल पसंद नही करते हैं इसमें 2 -3 फीसदी लोग ही होते हैं जो जोखिम ले कर निवेश करते हैं।
निवेश का एक सीधा सा सिद्धांत हैं की जितना जोखिम उतना ही रिटर्न , अर्थात कह सकते हैं की एक निवेशक बिना जोखिम वाले योजना में निवेश करते हैं तो उन्हें एक निश्चित धनराशि वार्षिक आधार पर रिटर्न मिलता हैं।
ठीक इसके विपरीत यदि कोई निवेशक जो जोखिम के साथ निवेश करता हैं तो उसे काफी अधिक रिटर्न मिल सकता हैं,मगर यह निश्चित नही होता हैं।
म्यूच्यूअल फण्ड(Mutual Fund) में किया गया निवेश बाजार जोखिम के अधीन होता हैं,यहाँ आपको लाभ तो काफी अधिक मिल सकता हैं, लेकिन यहाँ आपको कोई गारंटी नही दी जा सकती हैं, ये बाजार के प्रर्दशन के अनुसार आधारित होता हैं।
निवेश करना क्यों जरुरी हैं – Why is it Important to Investment?
यदि कोई व्यक्ति मासिक या वार्षिक आधार पर अपनी कमाई से बचत करने के बाद यदि अपने बचत का एक छोटा सा हिस्सा भी निवेश करता हैं तो यह धनराशि उसके आने वाले भविष्य को सुरक्षित बनाती हैं।
जैसे आप और हम जानते हैं की किसी भी कार्य को एक साथ करना हमेशा कठिनायों से भरा होता हैं,जबकि छोटे छोटे हिस्से में किसी भी कार्य को आसानी से किया जा सकता हैं।
निवेश करने की एक आदत होनी चाहिए यह आपको जिम्मेदार बनता हैं। सही समय और सही धनराशि का किया गया निवेश आपको आर्थिक परेशानियों से बचता हैं।
निवेश करना भविष्य की जरूरतों के लिए आवशयक हैं ,यदि आप सही समय पर निवेश करने का शुरुआत कर देंगे तो कई लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं, जैसे बच्चे के लिए उच्च शिक्षा,अपनी स्वं की मकान या फिर खुद का रिटायरमेंट के बाद आर्थिक आजादी से भरा जीवन।
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