Women Empowerment in Hindi , Mahila Sashaktikaran-महिला सशक्तिकरण क्या है? पूरी जानकारी के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े।
Mahila Sashaktikaran-महिला सशक्तिकरण क्या है? |
महिला सशक्तिकरण क्या है (Women Empowerment in Hindi) – जब हमारें समाज में कोई वर्ग दुनिया के साथ पिछड़ जाता है तब हमें उसके सशक्तिकरण की बात करनी पड़ती है साथ ही उस वर्ग के उत्थान और कल्याण के लिए तरह तरह के योजनाओं पर काम करनी पड़ती है।
हमारा समाज शुरू से ही पुरुष प्रधान समाज है जहां पर पुरुषों की बोलबाला अधिक है साथ ही महिलाओं को द्वितीयक अंग मान लिया जाता है जो विकसित समाज के लिए अभिशाप के समान है जब तक पुरुष और महिला साथ मिलकर काम नही करेंगे, तब तक विकसित देश भारत की कल्पना करना मुश्किल है।
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बेशक भारत में नारी को देवी का रूप बोलके संबोधित किया जाता हो, परन्तु हमारें समाज में आज भी महिलाओं को वह हिस्सा नही दिया जा रहा है जितना अधिकार पुरुषों के पास है इस वजह से हमें महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment in Hindi) पर चर्चा करना पर जाता है जो बहुत ही जरूरी है।
किसी भी समाज के निरंतर निर्माण एवं विकास में पुरूष और महिला दोंनों की परस्पर सहभागिता व साझेदारी अत्यंत आवश्यक होता है। हम इन दोनों लिंग को इस तरह से कह सकते है कि किसी भी समाज को चलाने के लिए महिला और पुरुष दोनों समाज रूपी गाड़ी के दो पहिया के समान है
जिससे किसी भी समाज को पिछड़ा से विकासशील और इससे विकसित किया जा सकता है। विकास के साथ ही साथ natural principle की पालना एवं पर्यावरण संतुलन के लिए अति आवश्यक है। नारी एक वह पहलू होती हैं जिसके बिना किसी समाज की रचना और निर्माण असंभव सा लगता है।
हमारें समाज में वुमेन एक उत्पादक (productive) और नए जीवन को जन्म देने वाली की भूमिका निभाती हैं। इस तरह कहा जा सकता है कि अगर समाज में नारी नही हो तो नए जीवन की कल्पना किसी भी शर्त पर नही किया जा सकता है। नारी को हम रचनाकर और सर्जन शब्दो से भी प्रभाषित कर सकते है।
फिर भी इस पितृसत्तात्मक समाज (patriarchal society) में उसे हीन दृष्टि से देखा जाता हैं परंतु इसमें तेजी से कमी आ रही है। भारतीय समाज में जीवन यापन करने वाले महिला एवं पुरूष में रीति-रिवाजों, धार्मिक, सामाजिक, शिक्षा, स्वास्थ, अधिकारों एवं अन्य अनेक क्षेत्रों में अंतर है। महिला सशक्तिकरण की बात समाज में रह रहकर उठती रही है।
Meaning of Women Empowerment कुछ इस प्रकार लगाया जाता है कि महिलाओं को किसी वर्ग विशेष मानकर पुरूष वर्ग का सामना करने के लिए सुदृढ किया जा रहा हो। हमारें देश के भारतीय समाज में प्राचीन समय से ही महिलाओं को पुरूष के समान अधिकार प्रदान किया गया हैं।
साथ ही उन्हे अपने जीवन की गरिमा को सुरक्षित रखने और सम्मानित जीवन जीने का पूर्ण अधिकार प्रदान किया गया। यहां तक कि शिक्षा और ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में भी महिलाओं को अपनी प्रतिभा को निखारने और मुखरित करने की पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान की गयी।
महाभारत काल के पश्चात नारी की इस स्थिति में गिरावट आयी। उससे शिक्षा का मौलिक अधिकार छीन लिया गया था। तब से ही महिलाओं को इस जगत का दूतीयक अंग माना जाने लगा, परन्तु उस गलती की वजह से महिलाएं समाज में इस तरह से पिछड़ी है कि हम लोग महिला सशक्तिकरण पर चर्चा करने के लिए विवश हो चुके है।
इस ब्लॉग लेख में हम नारी महिला सशक्तिकरण (Mahila Sashaktikaran) क्या है – Women Empowerment Essay in Hindi के बारें में विस्तृत चर्चा करने वालें है जिससे आपको भी Women Empowerment Project in hindi के लिए कंटेंट मिल जाएगा।
नारी सशक्तिकरण क्या है – Women Empowerment in Hindi |
जब किसी समाज में पुरुष के मुक़ाबले महिलाओं को कम आँका जाता हो, उन्हे कई तरह के रीति-रिवाजो से स्वतंत्र होने से रोका जाता हो, उन्हे फैसला करने की आज़ादी नही दिया जाता हो साथ ही उन्हे अपने अनुसार जीवन जीने की स्वतंत्रा नही दी जाती हो,
तब महिलाओं को समाज में पुरुष के समान लाने के लिए हमें महिला सशक्तिकरण करने की जरूरत पर जाती है जिससे इस समाज को पुरुष और महिला दोनों साथ मिलकर विकास करें और अपने – अपने अनुसार अपना जीवन जिये।
आसान शब्दो में कहें तो Mahila Sashaktikaran उसे कहते है जिसमें महिलाओं को उनकी अपनी पसंद निर्धारित करने की क्षमता, और स्वयं और दूसरों के लिए सामाजिक परिवर्तन को प्रभावित करने का उनका अधिकार की स्वतंत्रा देना, जिससे वह किसी दूसरे पर निर्भर नही रहें, जिसे महिला सशक्तिकरण कहा जाता है।
महिलाओं को समाज का अद्वितीय स्थान प्रदान किया गया है जो समाज को सुंदर व सुव्यवस्थित स्वरुप से निर्माण करती है इस तरह कहा जा सकता है कि भारतीय संस्कृति प्राचीनकाल से ही मातृ प्रधान रही है जहां पर पुरुषों से पहले नारी का नाम लिया जाता रहा है।
जब पुरुषों से महिलाओं का अधिकार रीति-रिवाज, धर्म और राजनीतिक रूप से छिनने लगा, उनका शोषण करने लगा, तब समाज का एक बड़ा हिस्सा पिछड़ गया जिससे हमें समाज में Nari Sashaktikaran की चर्चा बार बार लाना पड़ता है, जिससे उन्हे भी समाज में पुरुष के समान लाया जा सकें।
हमारी संस्कृति शुरू से ही नारी को सर्वोच्च मानता हुआ आया है उसे अपने जीवन की गरिमा को सुरक्षित रखने और सम्मानित जीवन जीने का पूर्ण अधिकार प्रदान किया गया।
यहां तक कि शिक्षा और ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में भी महिलाओं को अपनी प्रतिभा को निखारने और मुखरित करने की पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान की गयी। महाभारत काल के पश्चात नारी की इस स्थिति में गिरावट आयी।
उससे शिक्षा का मौलिक अधिकार छीन लिया गया। तब से ही महिलाओं को इस जगत का दूतीयक अंग माना जाने लगा, परन्तु उस गलती की वजह से महिलाएं समाज में इस तरह से पिछड़ी है कि हम लोग महिला सशक्तिकरण पर चर्चा करने के लिए विवश हो चुके है।
महिला सशक्तिकरण का प्रकार – Types of Women Empowerment in Hindi |
विशेषज्ञों ने महिला सशक्तिकरण के दो रूपों में विभाजित किया है: –
- आर्थिक सशक्तिकरण (economic empowerment)
- राजनीतिक सशक्तिकरण (political empowerment)
महिला सशक्तिकरण का मतलब क्या होता है – Mahila Sashaktikaran in Hindi
महिला या नारी सशक्तिकरण का अर्थ “नारी का शिक्षाकरण” होता है। सशक्तिकरण का मतलब किसी भी समाज में समुदायों और व्यक्तियों की राजनीतिक, आध्यात्मिक, सामाजिक और आर्थिक शक्ति को आगे बढ़ाना होता है।
महिला सशक्तिकरण की मदद से महिलाओं के आत्म-मूल्य की भावना को बढ़ावा देने में, उनकी अपनी पसंद और रुचि निर्धारित करने की क्षमता साथ ही अपने और दूसरों के लिए social change को प्रभावित करने के उनके Right को defined करने के लिए परिभाषित किया जा सकता है।
महिला सशक्तिकरण यानी महिलाओं की विज्ञान, प्रौद्योगिकी आध्यात्मिक, सर्विस सेक्टर, शिक्षा, मीडिया, राजनीति, काला व संस्कृति, आर्थिक वृद्धि करती है जो नए सोच और समाज निर्माण के लिए काफी अहम कदम है।
महिला सशक्तिकरण दिवस कब मनाया जाता है – World Women Empowerment Day
जब महिलाओं ने अपने अधिकार के लिए दुनियाभर में प्रदर्शन करने लगी और कानूनी रूप साथ ही रीति-रिवाज के कारण उन्हे बंधे रखने के लिए मजबूर किया जाता रहा तब वो अपने सब्र का बाँध तोड़ दी और महिला सशक्तिकरण के लिए ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में प्रदर्शन करने लगी।
तब लोगों ने भी महिलाओं के परेशानियों को समझा और 08 मार्च 1913 को विश्वभर में महिलाओं के उत्थान और कल्याण के लिए विश्व महिला सशक्तिकरण मनाने की तारीख की घोषणा की गई, तब से लेकर आज तक प्रत्येक वर्ष वर्ल्ड वुमेन एम्पावरमेंट डे 08 मार्च को मनाया जाता है।
महिला सशक्तिकरण जरूरी क्यों है – Women Empowerment in Hindi Important
महिलाओं के साथ वर्षों से हो रहें इस पुरुष प्रधान समाज में शोषण को खतम करने और उन्हे पुरुष के साथ एक साथ आगे बढ़ाने के लिए महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता पड़ी है, जिससे देश के सभी महिलाएं राजनीतिक और भौतिक रूप से खुद से समाज और परिवार निर्माण के लिए फैसला ले सकें।
भारतीय समाज में हमें निरंतर ऐसे कई उदाहरण देखने को मिलते है जिसमें महिला अपना जीवन तो जीती जरूर है पर उसे कंट्रोल करने वाला एक पुरुष होता है जो 21वी. सदी के दुनिया के लिए अभिशाप के सामान है।
अक्सर जब भी महिला सशक्तिकरण की चर्चा किया जाता है तब अधिकतर लोग ऐसे महिलाओं का उदाहरण देना उचित समझते है जो अपने किसी खास क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल कर समाज और देश की उन्नती को दर्शाती है, परंतु अगर इतिहास को उठाकर देखा जाएँ तो, अदभुत कार्य करने वाली नारी हर काल में रही है।
सीता से लेकर द्रौपदी, रज़िया सुल्तान से लेकर रानी दुर्गावति, रानी लक्ष्मीबाई से लेकर इंदिरा गांधी एवं किरण बेदी एवं सानिया मिर्ज़ा। अक्सर लोग ऐसे महिलाओं का उदाहरण देकर विकसित समाज की कल्पना कर देते है पर कुछ महिलाओं के अदभुत कार्य करने और अपना नाम रौशन करने से देश कभी भी विकसित नही बन सकते है
इसके लिए हमें सबसे पहले अपनी सोच में परिवर्तन लाना होगा और सही मायने में महिला सशक्तिकरण को अपने घर से शुरू करना होगा और अपने घर के महिलाओं (बहू, बेटी, बहन) को स्वतंत्र करना होगा और उन्हे लड़के के जैसे शिक्षा ग्रहण करने और समाज में भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करना होगा,
असल मायने में Nari Sashaktikaran उसी वक़्त होगी। आज भी समाज की मानसिकता पूरी तरह नही बदली नहीं है। काफ़ी हद तक इसके लिए लड़कियां भी जिम्मेदार हैं जो इसके लिए आवाज़ नही उठाती है। समाज का दूसरा पहलू यह है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के इस युग में भी कुछ लोगों की ऐसी मानसिकता वैसी बनी हुई है जो लड़कियों को बोझ के समान मानते है।
हमें प्रत्येक दिन खबरों के माध्यम से कन्या भ्रूणहत्या जैसे गैरकानूनी मामले सुनने को मिलते है इस तरह की घटना हमारें समाज में मिरा बाई चाणु, सानिया नेहवाल, द्रौपदी मुर्मु जैसे महिलाओं के प्रतिष्ठित पद पाने के बाद भी हो रहें है जो समाज निर्माण में वाधा उत्पन्न कर रही है।
हम समाज सुधार के रूप में महिला को पुरुषों के समान लाना चाहते है पर हम सब ऐसा क्यों नही सोच पा रहें है कि महिला सशक्तिकरण से महिलाओं को पुरुषों से आगे लाया जाएँ, कही न कही हमारी सोच सोचने पर आज भी संकोच करती है।
इस तरह हम कह सकते है कि समाज में नारी को आगे लाने के लिए हमें महिला सशक्तिकरण करने की आवश्यकता होती है। जिसकी मदद से महिलाओं को बेहतर जीवन जीने के लिए प्रयास और योजना बनाया जाता है ताकि वह भी सामाजिक स्तर पर पुरुषों से वह पीछे नही छूटे।
भारत में महिला सशक्तिकरण की ओर कदम और उसकी सच्चाई – Reality of Indian Women Empowerment
भारत के संविधान के अनुसार देश के प्रत्येक लिंग को सामान अधिकार दिये है साथ ही देश में महिलाओं के योगदान देने के लिए सरकार के द्वारा कई तरह के योजना, प्रोजेक्ट चलाएं जाते है जिससे समाज में काफी हद तक प्रभाव पड़ा है जो आने वालें समय में महिलाओं द्वारा देश को बढ़ाने में मदद करेगी,
परन्तु अगर भारत में महिला सुरक्षा पर विस्तृत चर्चा करें और रिपोर्ट के साथ उनकी अध्यन को माने तो महिलाओं के सुरक्षा के लिए भारत देश को दुनिया में सबसे खतरनाक स्थल माना गया है। रिपोर्ट में कहा गया है इंडिया वुमेन के लिए दुनिया में सबसे असुरक्षित देश है जो हमारें समाज के लिए कलंक के सामान है।
महिला सशक्तिकरण के लिए क्या करना चाहिए – Women Empowerment के जरूरी बातें
महिलाओं के लिए उनकी हक़ की बात करना भी महिला सशक्तिकरण का ही एक उदाहरण है। हर महिला चाहती है कि वह भी इस खुले दुनिया में पुरुषों की तरह जिये। जिसके लिए हमें इन सिद्धांतों का पालन करना चाहिए।
- लैंगिक समानता के लिए उच्च स्तरीय कॉर्पोरेट नेतृत्व तैयार करें।
- सभी कर्मचारियों के स्वास्थ्य, कल्याण और सुरक्षा को सुनिश्चित करें, चाहे वह पुरुष हो या महिला।
- महिलाओं के लिए शिक्षा, प्रशिक्षण और व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देना।
- महिलाओं को सशक्त बनाने वाली आपूर्ति श्रृंखला, विपणन प्रथाओं और उद्यम विकास को लागू करें।
- सामुदायिक पहल और हिमायत के माध्यम से समानता का समर्थन करें।
- लैंगिक समानता बनाने के लिए प्रगति को मापें और सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट करें।
- गैर-भेदभाव और मानवाधिकारों का सम्मान और समर्थन करते हुए कार्यस्थल पर सभी लोगों के साथ निष्पक्ष व्यवहार करें।
महिला सशक्तिकरण के लाभ क्या है – Benefits of Women Empowerment in India
जब तक समाज में women empowerment की सोच विकसित नही होती, तब तक नारी स्वतंत्र नही होती, भला हो महिला सशक्तिकरण का जिसने महिलाओं को पुरुषों के सामान अधिकार दिये है जिससे कई तरह के लाभ देखने को मिले है: –
- महिला सशक्तिकरण की मदद से लड़कियां और महिलाएं भी शिक्षा ले पा रही है।
- समाज में वह साथ मिलकर काम कर देश निर्माण कर रही है।
- रोजगार में पुरुषों का हाथ बांटा कर देश का सकल घरेलू उत्पाद बढ़ाने में मदद कर रही है।
- वह अपने हक़ के लिए लड़ने लगी है और अपने अधिकारों की मांग भी करने लगी है।
- साथ ही वह अपनी पुरुषों पर निर्भरता को कम कर आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है।
- पुरुष भी अब महिलाओं के हक़ मांगने लगे है जो सिर्फ महिला सशक्तिकरण का ही प्रभाव है।
- वह अपने ज़िंदगी के फैसले लेने के स्वतंत्र हो रही है।
महिला सशक्तिकरण कैसे किया जा सकता है?
हम कई तरह के योजनाओं के निर्माण से बेहतर समाज और देश बनाने के लक्ष्य को लेके कई क्षेत्रों में काम कर महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment in India) को बढ़ावा दे सकते है जिसकी विस्तृत चर्चा आगे किया गया है।
शिक्षा में महिला सशक्तिकरण – Women Empowerment in Education
शिक्षा ग्रहण करने के क्षेत्र में शुरू से ही महिलाओं के साथ भेदभाव होता आया है परन्तु 21वी. सदी का समाज Girls Education को तेजी से बढ़ावा दे रहें है। शिक्षा महिलाओं को ऐसे विकल्प चुनने के लिए सशक्त बनाती है जो उनके बच्चों के स्वास्थ्य, उनकी भलाई और उत्तरजीविता कौशल प्राप्त करने की संभावना में सुधार करते हैं।
नव राष्ट्र निर्माण के लिए महिलाओं को शिक्षित करना बहुत ही आवश्यक है इसके लिए हमें ग्रामीण और शहरी स्तर पर तेजी से शिक्षा को फैलाने और लड़कियों को स्कूल में नामांकन करवाने के लिए प्रेरित करना चाहिए, जिससे वह भी समाज विकास में भागीदारी दे सकती है।
लिंग भेदभाव में महिला सशक्तिकरण – Women Empowerment in Gender Discrimination
हमारा समाज लड़कियों पर आश्रित के समान लगता है जो सिर्फ लड़के जन्म का ही स्वाहिश देखता है अभी भी बहुत सारें लोगों के मन में यह चल रही है कि लड़का ही सब कुछ कर सकता है और उनके परिवार या वंश को चला सकता है परन्तु इस तरह की मानसिकता समाज और देश के लिए सही नही है
हमें लड़के और लड़कियों में लिंग-भेदभाव नही करना चाहिए, जो काम लड़के कर सकते है वही काम लड़कियां भी कर सकती है बस उन्हे अवसर देने की जरूरत होती है। जिस दिन हमारें समाज में Gender Discrimination पूरी तरह से खतम होगी, उसी दिन से सही मायने में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।
रोजगार में महिला सशक्तिकरण – Women Empowerment in Employment
रोजगार जैसे क्षेत्रों में जाति का महिला सशक्तिकरण पर एक अभिन्न प्रभाव है। रोजगार महिलाओं के लिए सशक्तिकरण बनाने में मदद कर सकता है। काम के अवसर और काम का माहौल महिलाओं के लिए सशक्तिकरण पैदा कर सकता है। देश के सकाल घरेलू उत्पाद को बढ़ाने के लिए,
महिलाओं को भी रोजगार के क्षेत्र में हमें लाना होगा, साथ ही उन्हे किसी खास क्षेत्र के रोजगार का कौशल देकर कुटीर उद्योग शुरू करना चाहिए, जिससे वह आर्थिक रूप से भी मजबूत होगी। जब महिला भी पुरुष के साथ बिना किसी संकोच के मिलकर काम करेगी, तब यह रोजगार में महिला सशक्तिकरण का सबसे बड़ा स्वरूप होगा।
राजनीति में महिला सशक्तिकरण – Women Empowerment in Politics
आरक्षण, सरकार और समाज के सोच के कारण आज महिलाएं भी तेजी से राजनीति में रुचि ले रही है और अपनी भागीदारी दे रही है। इस देश ने महिलाओं को इन्दिरा गांधी जैसे निडर महिला प्रधानमंत्री को दिया है साथ ही राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू जैसे पिछड़े समाज के महिला को ऐसे प्रतिष्ठित पद दिया है।
बेहतर समाज निर्माण और नारी सशक्तिकरण के विकास के लिए हमें महिलाओं को तेजी से पॉलिटिक्स में लाने के लिए उन्हे प्रेरित करते रहना चाहिए।
आर्थिक शक्ति में महिला सशक्तिकरण – Women Empowerment in Hindi Economic Power
दुनिया भर में पूर्ण गरीबी में रहने वालें 1.3 अरब लोगों में से 70 प्रतिशत महिलाएं है जिसका प्रमुख कारण उन्हे अपने अधिकारों से वंचित रखना, अवसरों को कम करना, लिंग भेद-भाव करना और उनके आवाजों को दबा देना प्रमुख रूप से शामिल है।
एक विकसित समाज और देश की कल्पना हम तभी कर सकते है जब देश की महिलाएं भी आर्थिक रूप से सशक्त होगी। इसके लिए हमें रोजगार, शिक्षा, सामाजिक सोच बदलने पर काम करना होगा, जिससे आर्थिक शक्ति में महिला सशक्तिकरण हो सकेगी।
महिला सशक्तिकरण के लिए शुरू किया गया योजना – Women Empowerment Schemes in India
भारत और राज्य सरकार ने महिलाओं के साथ हो रहें भद-भाव को कम करने और समाज में उन्हे बेहतर पहचान दिलाने के लिए कई तरह के योजनाओ को शुरू किया है जिसका लिस्ट नीचे देखा जा सकता है: –
- बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना
- वन स्टॉप सेंटर योजना
- महिला हेल्पलाइन योजना
- उज्जवला योजना
- सखी निवास योजना
- स्वाधार गृह योजना
- नारी शक्ति पुरस्कार
- महिला हेल्पलाइन योजना
- महिला शक्ति केंद्र (एमएसके)
- निर्भया योजना
- महिला पुलिस वालंटियर्स
- कामकाजी महिला छात्रावास योजना
- महिला ई-हाट योजना
- कदम योजना
- राजीव गांधी राष्ट्रीय क्रेच योजना
महिला सशक्तिकरण के लिए कानून – Law for Women Empowerment
भारतीय संविधान ने महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी सुरक्षा करने के लिए कई तरह के special law for women का निर्माण किया है जिसका लिस्ट नीचे देखा जा सकता है: –
- भारतीय दंड संहिता, 1860
- भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872
- गर्भावस्था अधिनियम, 1971
- अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम, 1956
- दहेज निषेध अधिनियम, 1961 (1961 का 28) (1986 में संशोधित)
- महिलाओं का अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम, 1986
- सती आयोग (रोकथाम) अधिनियम, 1987 (1988 का 3)
- घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 से महिलाओं का संरक्षण
- बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006
- पूर्व-गर्भाधान और पूर्व-प्रसव निदान तकनीक (विनियमन और दुरुपयोग की रोकथाम) अधिनियम, 1994
- कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013
- आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013
महिलाओं की राष्ट्र निर्माण में भूमिका – Role of Women in the Nation’s Progress in Hindi
21वी. सदी ने हमारें समाज में महिलाओं के प्रति सोच को बदल कर रख दिया है अब समाज में लड़के के जितना ही लड़कियों को भी अधिकार दिया जाता है। देश की आधी आबादी काही जाने वाली महिला अब हर क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण के बल पर तेजी से आगे बढ़ रही है और नए राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।
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