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GPS Kya Hai, GPS Ka Full Form, जीपीएस क्या होता हैं?

GPS Kya Hai और GPS Ka Full Form क्या होता हैं, ये सभी जानकारी आज के इस आर्टिकल में आपको मिलने वाला हैं, तो पूरी जानकारी के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े और अपने दोस्तों, रिस्तेदारो में शेयर करे। 

GPS Kya Hai – जीपीएस क्या हैं?

दोस्तों आज के समय में Technology बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में आपको GPS Kya Hai और कैसे काम करता है, इसके बारे में जरूर पता होना चाहिए। GPS Smartphone में एक ऐसा फीचर्स है, जिसका उपयोग अनेक व्यक्ति को कभी ना कभी करना पड़ता ही है। हम पृथ्वी के किसी भी स्थान पर हो GPS की सहायता से हमारी Location आसानी से पता लगाया जा सकता है। इस लेख में आपको इससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी मिलेगा। जिसमे GPS System Kya Hai यह कैसे काम करता है और Gps Ka Full Form Kya Hai और भी कई प्रकारकी जानकारियां इस लेख(Post) में शामिल है, तो आइये जानते है GPS से जुड़ी सभी जानकारी इस प्रकार हैं –

GPS Kya Hai | Global Positioning System

Global Positioning System (GPS) यह उपग्रह Satellites के Network पर कार्य करता है। जीपीएस को संयुक्त राज्य अमेरिका के विज्ञानिको द्वारा बनाया गया था। शुरुआत में यह पूरी तरह से काम नहीं करता था। लेकिन 1959 को यह पूर्ण रूप से काम करने लगा। शुरू में यह GPS System को सिर्फ सेनाओ के लिए शुरू किया गया था। लेकिन सन 1980 में इसे आम नागरिको के लिए शुर कर दिया गया।

             GPS Space-Based Satellite Navigation System प्रणाली है, जो की मौसम की स्तिथि और समय की जानकारी प्रदान कराता है। यह 24 satellites के नेटवर्क से बना है, जो की अमेरिका रक्षा विभाग द्वारा पृथ्वी की कक्षा में बनाकर  रखे गए है। इसकी सबसे महत्पूर्ण बात यह है, की GPS पूरी दुनिया में सभी जगह पर काम करता है। और यह किसी भी आपातकालीन, मौसम और परिस्तिथि में उपयोग किया जा सकता है। GPS का उपयोग करने के लिए किसी प्रकार का पैसा/ शुल्क नहीं लगता हैं। यह पुरे तरह से फ्री नेटवर्क हैं।

GPS Ka Full Form | जीपीएस का फूल फॉर्म – Gps Full Form in Hindi

जीपीएस का फूल फॉर्म – Global Positioning System हैं। और जीपीएस का हिंदी नाम वैश्विक स्थान-निर्धारण प्रणाली हैं।

G- Global

P- Positioning

S- Systme

जीपीएस का इतिहास हिंदी में| History of GPS in Hindi

आपको जीपीएस के बारे में तो जानकारी हो चुकी हैं क्या आप जानते है, कि जीपीएस का इतिहास क्या है जीपीएस से पहले क्या था। तो जानिए जीपीएस से पहले LORAN and DECA Navigator को सन 1940 बनाया गया था। जिसे द्वितीय विश्व युध्य में उयोग किया गया था। जीपीएस को तब बनाया गया था जब 1957 में सोवियत संघ ने सबसे पहले Sputnik को लॉन्च किया गया था जीपीएस से सम्बंधित एक सवाल यह भी था की जीपीएस का अविष्कार किसने किया। आपको बता दे की जीपीएस का अविष्कार अमेरिकी वैज्ञानिकों की टीम ने किया था।

                  आपको बता दें कि सबसे पहले 1960 के दशक में इस Gps system का प्रयोग किया गया था। उस वक्त USA यानी संयुक्त राज्य अमेरिका ने नेवी मिसाइलों को ले जाने वाली अमेरिकी पनडुब्बियों को track करने के लिए इस सिस्टम satellite nevigation का इस्तेमाल किया था। defence, millitary field में GPS का इस्तेमाल बेहद कारगर रहा, जिसके बाद इसके उपयोग और विशेष रूप से जनहित यानी लोगों के फायदे में इसका उपयोग देखते हुए इसे civil field में भी इस्तेमाल करने का बात बढ़ाया गया। यह प्रयोग बेहद सफल रहा।

Use Of GPS – जीपीएस का इस्तेमाल 

GPS का उपयोग कई महत्वपूर्ण कार्यों में किया जाता है। आज के तकनीकी दुनिया में GPS अहम हिस्सा बन चूका है। GPS के उपयोग आप कई प्रकार से कर सकते है। जैसे – Maping, Location, Navigation, Tracing और Timing.

How Does Gps Work | GPS कैसे काम करता है?

आपको बता दे कि यह सिस्टम पृथ्वी की Orbit में घूमने वाला satellite से मिलने वाला सिगनल्स के आधार पर चलता है। जीते अधिक satellite होंगे उतना ही accurate Location पता चलेगा। यह satellite एक निश्चित समय पर स्थित और वर्तमान समय की जानकारी के संकेत प्रदान करती हैं। यह singnals light की speed पर चलता हैं। 

                 आप का GPS signals receive करता है। यह message रिसीवर तक पहुंचने में कितना टाइम लगा, इसी के आधार पर यह calculate करता है कि यह satellite कितना दूर है। एक बार अगर तीन satellite की आप से दूरी पता चल जाए तो GPS से आप की location पता चला सकती है। इस प्रक्रिया को trilateration कहते हैं।

GPS की Basic Structure क्या है?

जीपीएस तीन प्रकार में बांटा गया हैं, जो निम्न हैं। 

GPS Satellites:- GPS Satellites को Space segment के नाम से जाना जाता हैं। GPS धरती के orbit में उपस्थित satellites की प्रणाली पर कार्य करता हैं। इन्हीं सैटेलाइट्स के द्वारा ही जीपीएस किसी व्यक्ति या वस्तु को Track कर उसकीLocation, Signal व अन्य डाटा पृथ्वी पर ट्रेक करने वाले व्यक्ति तक पहुँचाता है।

Control Segment:- Control Segment के अनुसार जीपीएस का एक Ground Control Stations होता है। जो सैटेलाइट्स को कन्ट्रोल करने, मॉनिटरिंग करने और मैनटैनिंग करने का काम करता है।

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User Segment:- GPS Receivers ही User segment का पार्ट होते है। यह Satellites द्वारा भेजे गए सभी सिग्नल्स और डाटा को रिसीव करते है। इन तीनो सिंग्नल्स  से range की गणना करने के लिए GPS के साथ एक atomic clock को सिंक्रनाइज़ करने की आवश्यकता होती है। चौथे satellite से measurement लेने के बाद receiver को atomic clock की जरूरत नहीं पड़ती। इस प्रकार receiver latitude, longitude और Height की गणना करने के लिए चार satellites का उपयोग करता है।

GPS Tracking क्या है और कितने प्रकार होते है?

जीपीएस ट्रैकिंग के मुख्यतः तीन प्रकार होते है। 

  • Data Pushers (डाटा पुशर्स)
  • Data Pullers (डाटा खींचने वाले)
  • Data Loggers (डाटा लॉगर)

Data Pushers:- ये किसी व्यक्तिगत ट्रैकिंग, एसेट ट्रैकिंग या किसी प्रकार के वाहन को ट्रैक करने के लिए उपयोग करते हैं। इस तरह की ट्रैकिंग में किसी भी निजी वाहन या संपत्ति की लोकेशन कम समय के लिए निर्धारित समय पर सर्वर पर भेजी जाती है जहां डेटा को स्टोर किया जाता है और बहुत ही गुप्त रूप से जांच की जाती है। जहां तक ​​वाहन पर नजर रखने की बात है, जीपीएस ट्रैकिंग यूनिट सिर्फ वाहन की स्थिति ही नहीं लाती बल्कि वह गति का भी विश्लेषण करता है जिस पर वाहन चल रहा होता है।

Data Pullers:- डाटा पुशर्स का काम भी डाटा पुशर्स की तरह लोकेशन ट्रैक करने का है। लेकिन ये डेटा पुशर्स की तरह सर्वर पर जानकारी नहीं रखते, बल्कि डेटा प्राप्त करने के लिए अनुरोध करते हैं। इसके अलावा डेटा पुशर डेटा को नियमित रूप से देखते हैं, जबकि डेटा खींचने वाले हमेशा बने रहते हैं और किसी भी समय डेटा को पुनः प्राप्त करने के लिए उपयोग में जा सकते हैं।

Data Loggers:- ये किसी भी वाहन या व्यक्ति की स्थिति का उपयोग करके इसकी आंतरिक मेमोरी को स्टोर करने के लिए किया जाता है। इस प्रकार तीनों प्रकार की GPS Tracking Units किसी भी निर्दिष्ट वाहन या व्यक्ति के सटीक स्थान को ट्रैक करने के लिए बहुत ही फायदेमंद और सहायक है।

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Advantages of GPS System – जीपीएस के फायदे ?

GPS System के फायदे निम्न प्रकार है।

  • जीपीएस के इस्तेमाल से नेविगेट करना बहुत आसान है। यह आपको आपकी मंज़िल तक पहुँचने के लिए रास्ते में आने वाले हर मोड़ के लिए दिशा बताएगा। 
  • इस सिस्टम को अमेरिकी सरकार द्वारा लगातार अपडेट किया जाता है, इसलिए यह बहुत Advance है।
  • GPS आपको हर प्रकार के मौसम में बिल्कुल सटीक जानकारी देगा। इसके ऊपर खराब मौसम का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
  • कम किमत होने के कारन इसे स्मार्टफोन जैसी दूसरी तकनीकों में आसानी से एकीकृत किया जा सकता है।
  • अगर आपको दुनिया की किसी भी कोन में जाना है तो GPS पर डालिये और वहाँ आसानी से जा सकते हैं। 

Disadvantages of GPS जीपीएस के नुकसान ?

GPS System के नुकसान निम्न प्रकार हैं। 

  • किसी वजह से Gps System काम करना बंद कर देता है, और ऐसी स्थिति  आपको बैकअप नक्शा और दिशा-निर्देश पर ही निर्भर रहना परता है। 
  • कभी-कभी कुछ रुकावटों की वजह से जैसे कि इमारतें, पेड़ और चुंबकीय तूफान की वजह से GPS सिग्नल सटीक नहीं होते हैं।
  •  यदि आप जीपीएस का उपयोग किसी बैटरी से चलने वाले उपकरण में कर रहे हैं तो आपको बैटरी खराब होने का सामना करना पड़ सकता है और बाहरी बिजली आपूर्ति की आवश्यकता पड़ सकती है, जो हमेशा संभव नहीं है।

Bike GPS Tracker Price 

बाइक जीपीएस ट्रैकर प्राइस 1000 – 3000 के बिच होता हैं। ये कंपनी और गुणवत्ता पर निर्भर करता हैं। 

निष्कर्ष 

आज के इस आर्टिकल में आपके जाना GPS Kya Hai और GPS Ka Full Form क्या होता हैं, ये सभी जानकारी आज के इस आर्टिकल में आपको मिलने वाला हैं, तो पूरी जानकारी के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े और अपने दोस्तों, रिस्तेदारो में शेयर करे। 

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